A2Z सभी खबर सभी जिले कीदेश

क्या हैं नाथ षष्ठी का महत्व? हम देते हैं जाणकारी..

महाराष्ट्र के पैठण तीर्थ क्षेत्र में लगता हैं नाथ षष्ठी का उत्सव मेला. देश विदेश से आते हैं लोग लगते हैं. ज्ञान बा तुकाराम, जय हरी विठ्ठल, भानुदास एकनाथ ऐसे नारों के साथ उमडती हैं भिड.

महाराष्ट्र: छत्रपती संभाजीनगर ( औरंगाबाद)

पैठण प्रतिनीधी: महाराष्ट्र के पावन धरती पर अनेक संत महंतो का जन्म हुआ है. महाराष्ट्र मे वैष्णव सांप्रदाय यांनी के वारकरी सांप्रदायिक परंपरा की नीव संत ज्ञानेश्र्वर द्वारा रची गई. उनके बाद इस परंपरा को आगे ले जाणे के लिये बहुत से संतो ने प्रयास किया. उनमें से एक हैं एकनाथ महाराज। जिनका जन्म छत्रपति संभाजी नगर के पैठण तहसील क्षेत्र में हुआ था। पंढरपुर की तरह महाराष्ट्र में विट्ठल वारी प्रसिद्ध है। इसी तरह पैठण शहर की नाथ षष्ठी भी महाराष्ट्र के कोने-कोने से ध्वज लेकर यहां आती है। षष्ठी उत्सव में लाखों वारकरी भक्त भाग लेते हैं.आज का फाल्गुन वाद्य षष्ठी को संत एकनाथ महाराज ने महाराष्ट्र की प्रतिगंगा गोदावरी नदी मे जल समाधी ली थी यही कारण है कि नाथ षष्ठी का त्योहार पूरे महाराष्ट्र में मनाया जाता है। छठे दिन एकनाथ महाराज के चरणों को स्नान कराकर पालकी में बिठाकर घुमाया जाता है। दिन-रात भजन कीर्तन, गाथा, पोवाडे, भरुड़ का आयोजन किया जाता है। इस समय प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है.महाराष्ट्र के प्रसिद्ध संत शांति ब्रह्म एकनाथ महाराज एक कुशल कवि, लेखक और कथाकार हैं जिनकी कविता एकनाथी भरुड़ विश्व प्रसिद्ध है।

 

AKHAND BHARAT NEWS

AKHAND BHARAT NEWS

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!